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Showing posts from October, 2018

Foods That Fight Stress

In the modern day lifestyle, it is extremely difficult to be stress free. Even a tiny situation like losing your pen to a something like meeting a deadline at work can cause stress. Stress acts like a catalyst to different diseases like high cholesterol, hypertension, cardiac diseases, etc. You cannot avoid stress, but what you can do is help yourself fight it and you can actually fight stress with the help of food as well, These foods are suggested by top  Psychiatrists in Indore : Chocolate : Chocolate is one of the best stress busters. It contains magnesium, phenyl ethyl amine and carbohydrates, all of which help lift your spirits. Chocolate helps in the reduction of stress hormones, helping you to relax. Coffee : Coffee helps your brain signal the production of BDNF (a brain derived protein), which helps to keep your brain cells healthy. A low level of BDNF can cause a lot of stress and depression. Coffee triggers many neurotransmitters, which control your mood changes; s...

सेक्स में कैसे आती है उत्तेजना

पेनिस (लिंग) में इरेक्शन विचार से होता है, स्पर्श से होता है। दिमाग में एक सेक्स सेंटर है। जब वह उत्तेजित होता है तो संदेश लिंग की तरफ जाता है। बदन में खून का प्रवाह तेज हो जाता है। पूरे शरीर में पेनिस में खून का प्रवाह सबसे ज्यादा तेज होता है। इसी वजह से लिंग में उत्तेजना ओर स्त्रियों की योनि में गीलापन आता है। पेनिस के इरेक्शन के लिए योग्य हॉर्मोन का होना जरूरी है। पुरुषों में 60 साल के बाद और महिलाओं में 45 साल के बाद हॉर्मोन की कमी होने लगती है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन क्या है: सेक्स के दौरान या उससे पहले पेनिस में इरेक्शन (तनाव) के खत्म हो जाने को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन या नपुंसकता कहते हैं। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन कई तरह का हो सकता है। हो सकता है, कुछ लोगों को बिल्कुल भी इरेक्शन न हो, कुछ लोगों को सेक्स के बारे में सोचने पर इरेक्शन हो जाता है, लेकिन जब सेक्स करने की बारी आती है, तो पेनिस में ढीलापन आ जाता है। इसी तरह कुछ लोगों में पेनिस वैजाइना के अंदर डालने के बाद भी इरेक्शन की कमी हो सकती है। इसके अलावा, घर्षण के दौरान भी अगर किसी का इरेक्शन कम हो जाता है, तो भी यह इरेक्टाइल डिस्फ...

प्रेग्नेंट होने के टिप्स - How To get Pregnant Tips?

तुरंत और आसानी से गर्भवती होने के तरीके–प्रेग्नेंट होने के टिप्स एक महिला के लिए बच्चे को जन्म देना काफी प्रसन्नता की बात होती है, और वह इस दिन की काफी प्रतीक्षा करती है। गर्भावस्था की स्थिति अचानक नहीं आती, इसमें गणना का काफी बड़ा हाथ होता है। गर्भवती होने के लिए आपका फर्टिलाइजेशन (fertilization) अच्छे से होना चाहिए। आपको अपने मासिक धर्म (periodic cycle) का आंकलन करके उसी हिसाब से चलना चाहिए। शारीरिक सम्बन्ध के फलस्वरूप गर्भवती होने से पहले इस बारे में अच्छे से सोच लें कि आप असल में एक बच्चे को जन्म देना चाहती हैं या नहीं। इनफर्टिलिटी (infertility) की समस्या से ग्रस्त लोगों को डॉक्टर से सलाह करनी चाहिए तथा गर्भवती होने के अन्य तरीके प्रयोग में लाने चाहिए। आजकल जीवनशैली में परिवर्तन की वजह से पुरुष और महिलाओं की फर्टिलिटी का स्तर काफी कम हो गया है। *नीचे गर्भवती होने के कुछ तरीकों के बारे में बताया गया है।* ज्यादातर जोड़े जो असुरक्षित यौन संबंध प्रस्थापित करते हो उसमे महिला को प्रेगनेंट करने का तरीका, प्रेग्नेंट/गर्भवती होने की (to become pregnant) ज्यादा संभावना होती ह...

Benefits Of Aloe Vera And Its Side Effects

Aloe Vera is a plant species of the genus Aloe. It grows wild in tropical climates around the world and is cultivated for agricultural and medicinal uses. Aloe is also used for decorative purposes and grows successfully indoors as a potted plant. It is found in many consumer products including beverages, skin lotion, cosmetics, or ointments for minor burns and sunburns. Aloe Vera is a stem less or very short-stemmed plant growing to 60–100 cm (24–39 in) tall, spreading by offsets. The leaves are thick and fleshy, green to grey-green, with some varieties showing white flecks on their upper and lower stem surfaces. The margin of the leaf is serrated and has small white teeth. The flowers are produced in summer on a spike up to 90 cm (35 in) tall, each flower being pendulous, with a yellow tubular corolla 2–3 cm (0.8–1.2 in) long. Like other Aloe species, Aloe Vera forms arbuscular mycorrhiza, a symbiosis that allows the plant better access to mineral nutrients in soil. Aloe Vera le...

All you Need to Know About High Uric Acid Levels

To prevent gout, it is essential to maintain good eating habits and have proper medication. To reduce the uric acid levels in blood, you may need to limit intake of alcohol, sugary foods and reduce purine rich foods like meat, poultry, seafood and pulses. Vegetables such as cauliflower, asparagus, spinach, peas and mushroom also contain a lot of purines. Digestion of purine leads to the formation of uric acid. If uric acid is not eliminated normally which is seen in gout sufferers, it can build up in the blood stream leading to joint inflammation and pain. 1. Water Water flushes out toxins including excess uric acid from the body. Have at least 10- 12 glasses of water daily. 2. Cherries Cherries have anti - inflammatory substances named anthocyanis that help reduce uric acid levels. It prevents the uric acid from crystallizing and being deposited in the joints. Cherries also neutralize the acids and help prevent inflammation and pain. 200 gms per day is very effective in brin...

उच्च शुगर: उपचार, प्रक्रिया, लागत और साइड इफेक्ट्स

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उपचार क्या है? हाइपरग्लेसेमिया एक ऐसी स्थिति है जो रक्त में उच्च ग्लूकोज के स्तर के कारण होती है और जिससे डायबिटीज का निदान होता है। हाइपरग्लिसिमिया को रक्त ग्लूकोज के कुछ उच्च स्तरों द्वारा परिभाषित किया जाता है, जैसे कि 7.0 एमएमओएल/एल या 126 मिलीग्राम/डीएल से ऊपर उपवास स्तर और 11.0 एमएमओएल/एल या 200 मिलीग्राम/डीएल से दो घंटे के बाद का स्तर। उच्च शुगर या हाइपरग्लेसेमिया के लक्षण प्यास, दृष्टि की समस्याएं, पेट दर्द, भूख, मतली, उनींदापन, सुस्ती, थकावट, पसीना, भ्रम, उल्टी, ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता, वजन घटने से कोमा और लगातार पेशाब आता है। कई कारणों से उच्च शुगर या हाइपरग्लेसेमिया हो सकता है। वे कम या कोई व्यायाम, टाइप -2 डायबिटीज में इंसुलिन प्रतिरोध, फ्लू, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक तनाव जैसी बीमारियों की शुरुआत, इंसुलिन उपचार की अपर्याप्त मात्रा और सुबह की हार्मोन वृद्धि के साथ अधिक भोजन खाना हैं, जिसे सुबह की घटना या सुबह प्रभाव के रूप में भी जाना जाता है। कुछ अन्य भौतिक अभिव्यक्तियों में से एक व्यक्ति को अनुभव हो सकता है कि उसके पास उच्च ब्लड शुगर है या नहीं: योनि...

Sinus Treatment in Hindi - साइनस रोग के उपचार

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जीवाणु, विषाणु और फंगल संक्रमण के रूप में होने वाली साइनस को गंभीर बीमारियों की श्रेणी में तो नहीं रखा जाता है लेकिन इसे हल्के  में लेना आपको नुकसान पहुंचा सकता है. साइनस हमारे नाक के आसपास, गाल व माथे की हड्डी के पीछे तथा आँखों के बीच के भाग में पैदा होती है. ये हवा से भरी छोटी-छोटी खोखली गुहा रूपी संरचनाएं होती हैं. साइनसाइटिस से साइनस में किसी संक्रमण के कारण सूजन आ जाती है. साइनस के मरीज अपने सिर दर्द या अपने चेहरे में दर्द और नाक बंद होने के अनुभव से इसका अनुमान लगाते हैं. कई बार ऐसा भी होता है कि नाक से हर पदार्थ बहने लगता है. दर्द इस बात पर भी निर्भर करता है कि पीड़ित व्यक्ति किस प्रकार के साइनसाइटिस से प्रभावित है. यह बीमारी तीन से आठ सप्ताह के मध्य रहने पर तीव्र व आठ सप्ताह से अधिक रहने पर क्रॉनिक साइनसाइटिस कहलाती है. आइए साइनस के उपचार के बारे में विस्तार से जानें. 1. अजवायन साइनाइटिस के उपचार में अजवायन की भूमिका काफी सकारात्मक है. साइनसाइटिस के उपचार के लिए आजवाइन काफी अच्छा है क्योंकि यह अपने रोगाणुरोधी गुणों के कारण उन कीटाणुओं को मारने का काम करता है जो इ...

Safed Daag Treatment In Hindi - सफेद दाग में परहेज

सफ़ेद दाग त्वचा की समस्या है जिसमें आपके त्वचा पर किसी भी जगह सफेद धब्बे उभरने लगते हैं. इसे ल्यूकोर्डमा या विटिलाइगो के नाम से भी जाना जाता है. इसमें शरीर के विभिन्न भागों की त्वचा पर सफेद दाग बनने लग जाते हैं. यह इसलिए होता है क्योंकि त्वचा में वर्णक (रंग) बनाने वाली कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं, इन कोशिकाओं को मेलेनोसाइट्स कहा जाता है. सफेद दाग रोग श्लेष्मा झिल्ली (मुंह और नाक के अंदर के ऊतक) और आंखों को भी प्रभावित करते हैं. सफेद दाग के संकेत और लक्षण में त्वचा का रंग खराब हो जाना, या सफेद हो जाना, शरीर के किसी भी भाग की त्वचा पर दाग पड़ जाना. ये सफेद दाग शरीर में सिर्फ एक भाग पर भी हो सकते हैं या कई भागों में अलग-अलग फैल सकते हैं. इसके ठोस कारण के बारे में अभी तक पता नहीं चल पाया, हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्व: प्रतिरक्षा प्रणाली की एक स्थिति होती है. उनके अनुसार सफेद दाग तब होते हैं, जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से त्वचा की कुछ कोशिकाओं को नष्ट कर देती है. क्या है सफेद दाग का उपचार सफेद दाग रोग में अनुवांशिकी घटक होते हैं, जो एक परीवार में एक व्यक्ति से द...

Thyroid Symptoms in hindi - थायराइड के लक्षण

शरीर में ऐसे कई बदलाव होते हैं जिनको हम पहले तो हल्के में लेते हैं और बाद में यह हमारी लिए किसी गंभीर रोग का संकेत निकलते हैं, जैसे थाइरॉइड को ही ले लिया जाए। थायरॉइड की समस्या भी कुछ ऐसी ही है। जो सामान्य शारीरिक समस्या से इस गम्भीर बीमारी तक पहुंचा देती हैं और हम इसे समझ पाए तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।  अक्सर थाइरॉइड के लक्षणों को हम शुरुआती दौर में भांप ही नहीं पाते हैं और बाद में इसके लक्षणों की अनदेखी हमें हाइपोथाइरॉइड या हाइपरथाइरॉइड की स्थिति तक पहुंचा देती है। थाइरॉइड हमारे शरीर में मौजूद ऐसी ग्रंथि है जो मेटाबॉलिज्म में मदद करती है। इसमें मौजूद हार्मोन टी3,टी4 और टीएसएच का स्तर कम या ज्यादा होने से समस्या होती है। अगर आप इन लक्षणों को महसूस कर रहे हैं तो हो सकता है ये आपके लिए थाइरॉइड की समस्या का संकेत हों 1. थकान थायराइड की समस्या के उत्पन्न होने पर सबसे पहले व्यक्ति अपने आप को थका हुआ और आलस से भरा हुआ महसूस करने लगता है। वो सुस्त ह जाता है। इसका मुख्य कारण होता है शरीर में ऊर्जा का ना बनना और शरीर में ऊर्जा ना बनने का कारण थायराइड ग्रंथि के हार्मोन ना बनने स...

Ling Badhane Ke Upay Hindi Me - लिंग बढाने के उपाय

लिंग का आकर छोटा या बड़ा होना आम चर्चा का विषय होता है। अगर आपका लिंग छोटा है तो अक्सर दोस्त आपका मज़ाक भी बनाने लगते हैं और जिसकी वजह से आप मानसिक तनाव में आने लगते हैं। इसके अलावा युवक एडल्ट फिल्म्स में अपने से आकर में बहुत बड़े लिंग देख कर भी ये सोचते हैं की वो तो कुछ भी नही और वो शादी के बाद क्या करेंगे? हर पुरुष के लिंग मे लंबाई , मोटाई तथा स्थिरता में भिन्नता तो अवश्य होती है पर इस भिन्नता का यौन संतुष्टी, गर्भाधारण और यौन क्षमता पर कोई प्रभाव नहीं पडता। वास्तव में स्त्री के योनि का उपरी एक तिहाई भाग ही यौन स्पर्श के प्रति संवेदनशील होता है। अत; उत्तेजित अवस्था मे यदि शिश्न की लंबाई केवल 2 से.मे. भी हो तो वह अपने यौन साथी को प्रयाप्त यौन आनंद प्रदान करा पाने मे सक्ष्म होता है। यहाँ हम आपको एक बात कहना चाहेंगे की शादी के बाद आपका लिंग का आकार आपकी पत्नी  को संतुष्ट नहीं करता बल्कि आपमें प्यार कितना अपनी साथी के लिए,आपकी आपस में रीलेशनशिप,आपका आपस का ताल मेल जैसी कुछ बातें है जो आपके जीवनसाथी को संतुष्ट  या असंतुष्ट करती हैं। अगर लिंग का साइज़ ही मायने रखता तो आज 70 प...

मलेरिया के लक्षण - Symptoms of Malaria

सबसे प्रचलित संक्रामक रोगों में से एक मलेरिया प्लाजमोडियम कुल के प्रोटोजोआ परजीवी के माध्यम से फैलता है. आपको बता दें कि केवल चार प्रकार के प्लाजमोडियम परजीवी ही मानवों को प्रभावित कर पाते हैं. इन चारों में सबसे ज्यादा खतरनाक हैं प्लाजमोडियम फैल्सिपैरम और प्लाजमोडियम विवैक्स माने जाते हैं. इसके अलावा प्लाजमोडियम ओवेल और प्लाजमोडियम मलेरिये नामक परजीवी भी मानव जीवन को प्रभावित करते हैं. इन सारे समूहों को ही ‘मलेरिया परजीवी’ कहा जाता है. इस सन्दर्भ में मलेरिया परजीवी के वाहक रूप में मादा एनोफ़िलेज मच्छर है. इसके काटने से ही मलेरिया के परजीवी लाल रक्त कोशिकाओं में प्रवेश करके बहुगुणित होते हैं. इस वजह से रक्ताल्पता, साँस फूलना आदि लक्षणों के साथ सर्दी, जुखाम और उल्टी जैसी अनुभूति देखी जा सकती है.  1.  ठण्ड लगने के साथ बुखार आना मलेरिया के संक्रमण का सबसे प्रमुख लक्षण है कि अचानक तेज कंपकंपी के साथ ठंड ठंड लगती है और इसके कुछ ही देर बाद बुखार आ जाता है. ये बुखार लगभग चार से छः घंटा तक रहता है और फिर पसीना आकर बुखार उतर जाता है. 2.  हर दो-तीन दिन में बुखार आना दुसरे तरह क...