Sinus Treatment in Hindi - साइनस रोग के उपचार
जीवाणु, विषाणु और फंगल संक्रमण के रूप में होने वाली साइनस को गंभीर बीमारियों की श्रेणी में तो नहीं रखा जाता है लेकिन इसे हल्के में लेना आपको नुकसान पहुंचा सकता है. साइनस हमारे नाक के आसपास, गाल व माथे की हड्डी के पीछे तथा आँखों के बीच के भाग में पैदा होती है. ये हवा से भरी छोटी-छोटी खोखली गुहा रूपी संरचनाएं होती हैं. साइनसाइटिस से साइनस में किसी संक्रमण के कारण सूजन आ जाती है.
साइनस के मरीज अपने सिर दर्द या अपने चेहरे में दर्द और नाक बंद होने के अनुभव से इसका अनुमान लगाते हैं. कई बार ऐसा भी होता है कि नाक से हर पदार्थ बहने लगता है. दर्द इस बात पर भी निर्भर करता है कि पीड़ित व्यक्ति किस प्रकार के साइनसाइटिस से प्रभावित है. यह बीमारी तीन से आठ सप्ताह के मध्य रहने पर तीव्र व आठ सप्ताह से अधिक रहने पर क्रॉनिक साइनसाइटिस कहलाती है. आइए साइनस के उपचार के बारे में विस्तार से जानें.
1. अजवायन
साइनाइटिस के उपचार में अजवायन की भूमिका काफी सकारात्मक है. साइनसाइटिस के उपचार के लिए आजवाइन काफी अच्छा है क्योंकि यह अपने रोगाणुरोधी गुणों के कारण उन कीटाणुओं को मारने का काम करता है जो इस बीमारी का कारण हैं. अजवायन की पत्तियों का तेल अपने आहार में भी शामिल करके आप इस बीमारी से दूर रह सकते हैं. आप इसे चाय में इसकी 2-3 बूँदें मिलाकर भी उपयोग कर सकते हैं.
2. टमाटर का रस
टमाटर का रस बलगम की परत को पतला करके नाक की रुकावट को कम करने का काम करता है. इसमें पाया जाने वाला विटामिन ए साइनस के सूजन को कम करके सूजन को ठंडा करने में सहायक है. इसके लिए आप टमाटर के रस में एक चम्मच नींबू और नमक को मिलाकर उबालकर इसे कुछ समय के लिए ठंडा करके पी लें.
3. तिल का तेल
यह एक अद्भुत तेल है जिसका उपयोग न सिर्फ बालों को सुंदर बनाने में बल्कि स्वास्थ्य विकारों में भी मदद करता है. साइनसाइटिस के उपचार में भी तिल के तेल की भूमिका बहुत प्रभावी है. आप अपनी दोनों नासिका छिद्रों में तिल के तेल की 2-4 बूँदें डालें. इससे आपको बंद नाक को खोलने और साइनस को कम करने में मदद मिलेगी...Read More!!
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